ऐसी अनेक हरकत करते दिख जाता है , यह इश्क़ ।
जो कभी हंसाता है , गुदगुदाता है , सताता है तो कभी कभी मायूस भी कर जाता है ।
और इस इश्क़ को , देखना , पाना , और महसूस करना , हम और आप , एक ना एक बार जरूर चाहते है ।
और क्यों ना चाहे , आखिर ये इश्क़ , इतना खूबसूरत जो है ।
अब इस इश्क़ के रूप भी तो बहुत है ..,
खूबसरत होने के साथ साथ , ये ज़िद्दी भी तो बहुत है , मासूम भी बहुत है , और साथ के साथ हमारे लिए खास भी तो बहुत है ।
ये इश्क़ है जनाब , बीना हम आपके , फैल भी तो नहीं सकता , सुन भी नहीं सकता और बोल भी तो नहीं सकता , ओर तो ओर हर उम्र में होता है , हर शख्स को होता है ।
ये इश्क़ , छोटा - बड़ा , अमीर - गरीब , गांव - शहर , देश - विदेश , उच - नीच , इच्छा - सम्मान नहीं देखता ।
यह तो हर जगह , हर रंग में चढ़ता है , फूलों की तरह महकता है , हर वक़्त , कोई ना कोई गीत गुनगुनाता है ।
यह इश्क़ है साहब हम और आप को मिलकर रहना और जीना सिखाता है ।
यह इश्क़ वकालत भी खुद करता है , और फैसले भी खुद सुनता है ।
लेकिन इन दिनों बागो से , वो दिलकश , मन को जीत लेने वाले , हवाओं में ख़ुशबू बिखेरने वाले , खूबसूरत फूल गायब है । जो इस इश्क़ का ख्याल रखते है ।
सुना है , इन फूलों को परेशान करने , दुनिया के हर बाग़ में , एक चोर आया है , जो इन फूलों को इश्क़ करने नहीं देना चाहता , इनको खुलकर महकना और खिलखिलाकर हंसते , देखना नहीं चाहता ।
इसीलिए , बागो के हर , बागवान ने ,....,
अपने - अपने बागो के हर फूल को छिपाना और उनपर निगरानी रखनी शुरू कर दी है । ताकि, उस चोर से अपने बाग़ के सभी खूबसरत फूलो को बचा सके , जिसे वह चोर नुकसान पहुंचाना चाहता है ।
क्यूंकि हर बागबान जानता , इन फूलों से फैलने वाले इश्क़ का महत्व , रंगो का महत्त्व , खुशबू का महत्व , और खुद का इन खूबसरत फूलो के बिना , रहने का महत्व ।
वह जानता है , हर फूलो में शामिल , उसके पत्ते , डाली , मिट्टी और पानी का महत्व ।
वह बागवान समझता है अपनी बैचैनी में , छिपी हैरानियो का महत्व । या यूं कहो वह समझता है फिज़ाओं में इश्क़ के , ना होने का महत्व ।
वह सेहमा हुआ सा है , लेकिन अपने जिक्र में बेतहाशा फिक्र करता हुआ , नज़र आता है ।
वह जानता है ........
इन दिनों इश्क़ का हर पन्ना , शांत है । जिस इश्क़ के पन्ने को पढ़कर , सब , सब कुछ बोल दिया करते थे , आज उनके मुंह पर पट्टी सी लगी है ।
आंखे कहना और हाथ रोकना चाहते है बहुत , आंखो पर पहरा और हाथो पर सख्ती बड़ी है ।
अब यह इश्क़ बोलता नहीं , चलता नहीं , हंसता नहीं पहले जीतना । शांत अकेले में बैठकर, बस यही चाहता है कि वह चोर , बागो के फूलो को ना चुराए , ना नुकसान पहुंचाए और हमेशा के लिए उसके बाग को छोड़कर चला जाए ।
क्यूंकि ...,जिस इश्क़ के मनमानियों के शोर थे , फिज़ाओं में , आज वह मान सा गया है।
उसके खिलखिलाते चहरो ने भी , गंभीरता को समझ , उसकी अंजानी सी सिलवटों को खुदमें समेट सा लिया है ।
जीस इश्क़ के फैसले के बाद सुनवाइयों की जरूरत नहीं हुआ करती थी , आज उस इश्क़ ने अपनी , परछाईं को भी चादर में ओढ़ सा लिया है ।
क्यूंकि ये इश्क़ रहना चाहता है , जीना चाहता है हमेशा... हम और आप में ।
यह जानता है अपने ज़िंदगी का हर वो हसीन लम्हा , जिसके लिए वह छिप रहा है ।
यह आना चाहता है ,
दुबारा खिलखिलाकर हसना चाहता है ,
उस खोफ़ के चादर को जलाकर , जिसने उसे छिपा लिया है खुद में ।
बस अपने बाग को , जिसकी खूबसूरती उसके हसीन फूलो से है उसको, उस चोर से बचना है ।
फिर , यह इश्क़ भी मुस्कुराते हुए लौट आएगा ।
Mere khwabon me Vo aaye Aa k Mujhe ched jaye USSe Kho kbhi samne to aaye 💕💕
ReplyDeleteJadoo Sa jaise koi chlane LGa h ,Mea kya kru dil malchlne LGa h, Apna h khta h Vo, fir kyu Chup chup kr rhta h Vo, dekhe Ghoor Ghoor k yu hi door door se USSe Kho meri neend na churate💕💕
ReplyDeleteHaan Ye ishq to h Pr ye Ussi se kyu Hota h, jo hme kbhi NHi mil skta ,
ReplyDeleteKash ye mohabbat bhi Kabul h ki trh hoti, Tere h Tere h Tere h khkr tee hi ho 😊😊
ReplyDeleteतेरे पास आकर खुशियो की दुनिया मिल जाती हैं,
ReplyDeleteअंसुलझे सवालो की गुत्थी खुल जाती हैं,
मित जाती हैं दिल की बेचैनी सारी,
और होठो पर हँसी खिल जाती हैं
Tum milo Na milo mukaddar ki baat h, sukoon boht milta h Tujhe Apna soch kar, 💕💕
ReplyDeleteतेरी आदत मुझको पड़ने लगी हैं,
ReplyDeleteमेरी चाहत तेरे लिए बढ़ने लगी हैं ,
खोने लगा हैं मन मेरा तेरी य़ादो में,
मेरी ज़िन्दगी तेरे साथ चहेकने लगी हैं
ज़िन्दगी और तकदीर मे वार्ता हो रही थी,
ReplyDelete"ज़िन्दगी ने तकदीर से बोला कि तू मेरी लकीरो मे क्याें नहीं हैं,
तब तकदीर ज़िन्दगी से बोलती हैं रोते हुए,
अये ज़िन्दगी मैं तो सिर्फ तुम्हारी लकीरो मे नही हुँ,तो तुम मुझसे सिकवा कर रही हो,
मुझसे पूछो कि मैं तो ज़िन्दगी मे ही नही हुँ,लोग हमेशा तुझको बेहतर बनाने की सोचते हैं,
और जब तू बेहतर नही बन पाती,
तो वो मेरा नाम लेकर सरेआम बदनाम करते हैं कि मैं उनकी लकीरो मे नही,
जब होती हो तब तक वो मेरा नाम अपनी जुबा से तक नही लेते हैं ,
तो बताओ कौन नही हैं तेरे साथ,
तू या मैं"
Sabkuch mil gya jag me,
ReplyDeleteTera milna baki hai,
Ghar ki char diwari me,
Tera hasna baki hai,
Waise to hu bht sundar mai,
Par ek bar tera haskar sundar kehna baki hai,
Mujhko baho me bhar pyar dena baki hai,
Aur khusiyo ki galiyo bekhabar sath bahekna baki hai
हँसकर कोई अपने गम छुपाता हैं,
ReplyDeleteतो कोई रोकर अपने गम मिताता हैं,
फर्क सिर्फ दोनो मे इतना हैं बस कि हँसने वाला तन्हा होकर भी ज़िन्दगी से समझौता कर खुदको आगे बढा़ता हैं,
और रोने वाला तन्हा होकर ज़िन्दगी से समझौता ना कर य़ादो मे ठहेर सा जाता हैं
निशब्द शब्द जब चीखे करने लगे,
ReplyDeleteदिल मे छिपे दर्द जब लोगो के कानो मे गुंज करने लगे,
तब समझ लेना कि दर्द को सुनने वाले बहुत हो गये हैं,
मगर साथ चलने वाले कम हो गये हैं
हर इंसान परेशान क्याें हैं,
ReplyDeleteखुदसे हैरान क्याें हैं,
भागता गया ज़िन्दगी की दौड़ में,
फिर भी वो उदास क्याें हैं,
मिली खुशी अगर दो पल को,
तो उसको पाकर भी असंतोष क्याें हैं,
और सबकुछ पाकर भी मन में अबतक प्यास क्याें हैं,
<|<|||••••बहुत #ढूँढ़ी मगर #नहीं मिली....
ReplyDelete.
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वो वजह जो #तुम्हें हमसे #अलग कर गई ||<|<••riya
तुझतक जाने वाली राहो को भूलु तो भुलू कैसे,
ReplyDeleteप्यार का एहसास लेकर तुझको छोरू तो छोरू कैसे,
जानता हुँ हमारे बीच फासले बहुत हैं,
लेकिन उन फासलो मे य़ादो की बेहती नादियो से बाहर निकलू तो निकलू कैसे,
हर अस्क को छुपा तेरी नामाजुदगी के दर्द को तोड़ू तो तोड़ू कैसे,
और तेरे पास होकर भी दूर होने के एहसास को दिल की राहो से मोड़ू कैसे,
तुझतक जाने वाली राहो को भुलू तो भूलू कैसे