लेकिन कुछ जगह ये दोस्ती उलझ सी जाती है, और कड़वा सी कर देती हैं , इस जिंदगी को।
कुछ ऐसी ही कहानी है इस Alter Ishq की , जहां उलझी उलझी सी है दोस्ती , और उलझे उलझे हैं वो सब ।
तो आइए पढ़ते हैं , "एक दोस्ती ऐसी भी " ।
एक शहर , जिससे दूर एक कस्बा बस्ता है , जिसमें कुछ जिंदगियां ,खुद से जीने का , संघर्ष कर रही हैं ।
इन्हीं जिंदगी में से दो जिंदगी निकल आती है , इस शहर मे , जहां लोगों के बीच दूरियां बहुत है , लेकिन फिर भी सब मिलकर रहने की कोशिश करते हैं ।
हां इसी शहर में ,जहां ये शहर बोलता तो नहीं पर कभी कभी चिखता ज़रुर है ।
तो इस शहर में , यश और मानसी भी अपनी अपनी जिंदगी को बेहतर बनाने आते हैं । क्योंकि वो मानते थे कि शहर हमारे कस्बे से काफ़ी बेहतर और खुबसूरत है , शहर में सब से रहते हैं , अच्छा पढ़ते हैं, बड़ी बड़ी गाड़ी में सवारी करते हैं , और अच्छे पैसे कमाते हैं , ऐसे ना जाने कितने उम्मीदों को लेकर , वो दोनों भी शहर आये थे ।
यश का स्वभाव अच्छा था और पढ़ाई भी अच्छी की थी तो यश को नौकरी जल्दी मिल जाती है , लेकिन मानसी यश के विपरित थी । इसलिए शहर में मानसी को सफलता नहीं मिल पा रही थी। लेकिन यश ने मानसी का साथ नहीं छोड़ा था और उसको अपने घर में रहने के साथ-साथ , उसकी मदद भी करता था ।
वक्त के साथ साथ , मानसी और यश एक दूसरे के बहोत अच्छे दोस्त बन गए थे और एक दूसरे से अपनी सारी बात करते थे ।
एक दिन मानसी बेहद निराश बेठी थी और खुद से बेहद परेशान भी थी । तो यश केहता है , देख मानसी अब ना तो तेरे पास पैसे बचे हैं और ना ही तुझको तेरे मुताबिक कोई काम मिला है । अगर तु , बोले तो मैं अपने Office में बात करूं , अब तो मुझे भी काफ़ी वक्त हो गया है और उनको नये Staff की भी जरूरत है । मानसी को नौकरी में कोई दिलचस्पी नहीं थी , लेकिन हालात बिगड़ते देख उसने नौकरी के लिए मनाया खुद को , और यश के साथ नौकरी करने लगी , और धिरे धिरे यश को पसंद करने लगी थी लेकिन यश इन सबसे अनजान था । और इधर यश भी किसी को चाहने लगा था और वो भी उसी Office में थी पर वो मानसी नहीं थी।
मानसी को यश का किसी के पास जाना , उसके पास किसी भी लड़की का आना , अब पसंद नहीं आ रहा था । मानसी यश को लेकर बहोत गम्भीर हो गयी थी ।
और यश अभी अनजान था मानसी की गम्भीरता को लेकर जो कि अब एक सनक बन चुकी थी शायद ।
एक दिन यश ने अपनी बात मानसी से बताई , कि वो और सपना एक दूसरे को पसंद करते हैं और हमने एक दूसरे के परिवार से भी बात कर ली है , जल्द ही हम दोनों एक हो जाएंगे , पिता जी भी जल्दी शहर आ रहे हैं ।
मानसी को , ये बातें सुनकर गुस्सा आ जाता है और वो अपने कमरे में चली जाती है , और अपने सपनों को फिर से टुटता देख , वो एक ग़लत फैसला कर जाती है ।
और रात के खाने में ज़हर मिलाती है ।
यश खाना खाने के बाद हमेशा के लिए शांत हो जाता है और मानसी उस शांत पड़े यश पर , देर रात तक , चिखती है - चिल्लाती है और अंत में खाने का बचा हिस्सा , वो भी खाकर , हमेशा के लिए सो जाती है ।
उस रात भी यह शहर चीखा और देर सुबह तक इसका शोर शहर के हर हिस्से में बना रहा और फिर ये शहर शांत हो गया ।
""होंठों 💋पर शिकायतों...का काफिला है......
ReplyDeleteऔर🍷...
आंखों में.👀..गले लगाने की तलब
ढूँढ रहा हूँ सूबह से वो रंग,,💞
ReplyDeleteजिसमे ढलूँ और तुम्हें भा जाऊँ
🍷
Tere Sath ka mtlb jo bhi ho, Tere baad ka mtlb kuch bhi nhi.
ReplyDeleteShayd Tb tk boht der Ho chuki hogi, Jb Tak hum Tumhe smjh me ayenge.
ReplyDeleteKoi Frk NHi pdta ki Tumne kise chaha or Kitna chaha,hume to ye Pta h, Humne Sirf Tumhe chaha or Hdd se jyada chaha.
ReplyDeleteMra lab hu meri baat tum Ho, Mea tab hu Jb mere Sath tum Ho.
ReplyDeleteMy eyes miss you, my feelings love you, my mind call you, my heart just for you, I will die😩😩without you, 💕💕because I love you 💕💕
ReplyDeleteJisse Schi mohabbat ki jati h uski izzat mohabbat se bhi jyada ke jati h.
ReplyDeleteKya kya Rng dikhati h Zindgi, kya kya khoob itfaak hota h,pyar me umar nhi hoti, har umar me Pyar hota h
ReplyDeleteYu to tairne me mahir ho gye h hum,fir bhi Doob jate h aksar khyallon me Tere.
ReplyDeleteTumne dekha hi nhi apni hTheli ko kbhi, unme Ek halki si lakeer meri bhi thi. 💕💕
ReplyDeleteBichad kr fir milenge yakeen Kitna h, beshak khwB hi tha magar haseen Kitna h.
ReplyDeleteYeah mohabbat h umar nhi dekhti, Bss Ho jati h💕💕
ReplyDeleteDil chahta h Aaj ro lu mea jee bhar k, dil na Jane kis kis baat pe naraaj h
ReplyDeleteI just want a tight hug right now 💕💕
ReplyDeleteTanha hi Shi, khush hu Mea, USSe mere Bina khush dekh kr
ReplyDeleteishq na hua kohra ho jaise,tumhare siwa kuch dikhta hi nhi
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