Tuesday, February 18, 2020

अनजानी सी गलती ...

हम आपकी जिंदगी में खुशियां का महत्व उतना ही हैं जितना फूलों में, महकती खुशबू का । इसी महकती खुशबू को जीने के लिए हम और आप अक्सर अपनों से हंसी मज़ाक करते हैं , जो हमारे भीतरी मन को गुदगुदाते है और हमारे मुख पर , प्यारी सी मुस्कान छोड़ जाते हैं ।

लेकिन कुछ पल ऐसे है , जो प्यार मोहब्बत और अपनेपन से भरे , इन खुबसूरत लम्हों को उदास कर जाते हैं ! और छोड़ जाते हैं अपनों के चहरे पर वो मायूसी , जो हम-आपको भी सताती है ।

कुछ ऐसी ही कहानी हैं , जहां ये Ishq बहुत चमकदार तो है पर अचानक इस Ishq की चमक धुंधली पड़ जाती हैं । और बनाती हैं Ishq की एक ऐसी कहानी , जो इस खुबसूरत Ishq को Alter बनाती है ।

तो शुरू करते हैं Alter Ishq की इस कहानी को , आशा करते हैं आप पसंद करेंगे ।

फरवरी महीने की बीतती सर्दी के बीच , शादी का ताना-बाना बुना जा रहा था , कहीं बेहतर पकवान बन रहे थे तो कहीं साजो सामान का ख्याल रखा जा रहा था और इसी के साथ-साथ रिश्तेदारों का जमावड़ा भी काफ़ी खुबसूरती से अपने पंख फैला रहा था । 

और ऐसे में,  हंसी मज़ाक से भरी बातों को करते,  बच्चों का एक झुंड , काफ़ी खिलखिला रहा था , जिसको देख , उस घर के बड़े भी अपनी भागीदारी , समय-समय पर दे रहे थे । 
सब बहोत खुश थे और खुब हंस रहे थे ।

माहौल बेहद ही खुशनुमा था , लेकिन उस झुंड में बैठी एक लड़की अचानक मायूस हो जाती है , और अपनी दोनों आंखों को नम कर , वहां से उठ बाहर चली जाती है । 

ऐसे में , पूरा माहौल शांत पड़ जाता है , और सबकी निराश नजरें , उस एक लड़के को निहार रही होती हैं जो कुछ देर पहले तक तो बहोत , बातूनी था , और इस बेहद खूबसूरत पलों का , एक खुबसूरत हिस्सा था ।
पर अब वह बिल्कुल नि:शब्द था । 

इतना शांत था , जैसे बंजर भूमि बिना फसल के दिखाई देती है । उसकी आंखें मानो , मौका तलाश रही थी इस बंजर भूमि को भिगोने का । 
 उसके लब उस लड़की से , अपने को निर्दोष कहना तो बहोत चाहते थे लेकिन उसकी ओर उठी नज़रों ने , उसके लबों , मानो कोई इजाज़त नहीं दी , कुछ भी बलने की।
 
लड़की की भीगी आंखें , उस लड़के के मन को हर वक्त तोड़ रही थी । और उसके चेहरे पर निराशा , के बादल छोड़ रही थी । 
उसे अपनी गलती का एहसास तो था , पर लड़की की आंखों से निकले आसूंओं और अपनो के चहरो पर आई निराशा का , उसको ज्यादा ख्याल था ।

थोड़ा वक्त बीतता है और वह लड़का , घर के द्वार पर बैठ ,  अपनी गलती के बारे में सोचता है ।  कि तभी  उस लड़की का फोन उसके फ़ोन पर आता है , और उसके द्वारा अनजाने की गलती को  , वह लड़की समझ , उसको दोशी नहीं बनाती है । 
उस लड़के के नि:राश मन , थोड़ा शांत होता है । 
और उस लड़की से अपनी बात , खुद के लबों से बोलने के बाद । उसका मन फिर मुस्कुराता है । और घर का 
माहौल फिर से खुशनुमा हो जाता है और सब बेहद खुश नज़र आते हैं। 

पर कहीं न कहीं , कुछ फासले ,अब दूरियों में बदलते नज़र आ रहे थे‌ उसे । 
जिससे उसका मन , अब भी एक सवाल में उलझा रहता है । कि .........
क्या,  वास्तव में उस लड़की ने, उसको माफ़ किया या नहीं ।







4 comments:

  1. यहाँ हर कोई रखता है खबर
    गैरों के गुनाहों की------ अजब फितरत है कि, कोई आइना नहीं रखता ।

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  2. Be with someone, who knows what they have when they have you

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  3. Benaam Sa rishte aksar bevajah si jindgi ko jeene ki vajah de jate hai

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  4. जिंदगी जब हद से ज्यादा उलझ जाए , तो ------- टुकडे़-टुकडे़ करके ही सम्भलती है ।

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