Tuesday, August 1, 2023

वक्त के साथ हम और हमारे साथ वक्त अक्सर बदल जाता है....

वक्त के साथ हम और हमारे साथ वक्त अक्सर बदल जाता है ....

तब तजुर्बा बिखर जाता है , जब उसी से जन्मा हौसला भटक जाता है ...
यूं तो निकलते हैं, हम आप, अक्सर तय वक्त पर घरों से ...
पर, ना जाने क्यों , किसी का रास्ता बदल जाता है, तो कोई रास्ते में बदल जाता है ...
वक्त के साथ हम और हमारे साथ वक्त अक्सर बदल जाता है .....

तब ज़िन्दगी अक्सर ठहर जाती है , जब उसी से उसकी बैसाखी टूट जाती है ... 
यूं तो  जिंदगी में दोस्त बहुत है, पर हमीं से दूर खड़े है..
वोह, क्या है ना , किसी का मकसद निकल जाता हैं, तो कोई मतलबी निकल जाता है ...
वक्त के साथ हम और हमारे साथ वक्त अक्सर बदल जाता है......

तब ज्ञान मार दिया जाता है, जब अभिमान से उसकी वाणी बदल जाती है ...
यूं तो, हम आपने भी पढ़ी किताबे वो , जो उसके लिए अक्सर बदल जाती है...वोह क्या है ना, उसका विज्ञान बदल जाता है तो हमारा विश्वास बदल जाता है...
वक्त के साथ हम और हमारे साथ वक्त अक्सर बदल जाता हैं....